Friday, May 17th, 2024

सचिव की पत्नी प्रोफेसर सहित तीन हजार को नहीं मिली चार माह से सैलरी

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग तीन हजार नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों को चार माह से वेतन नहीं दे सका है। यहां तक विभाग में पदस्थ सचिव अजीत कुमार शर्मा तक अपनी धर्मपत्नी तृषा त्रिपाठी शर्मा का वेतन नहीं निकलवा सके हैं। जबकि करीब सवा सौ प्रोफेसरों ने अपना वेतन लेना तक शुरू कर दिया है। विभाग प्रोफेसरों का वेतन शुरू कराने की कवायद में लगा हुआ है।

उच्च शिक्षा विभाग ने नवंबर में तीन हजार असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों को नियुक्त किया था, जिन्हें आज तक किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया गया है। चार माह से वेतन नहीं मिलने पर उनका मनोबल टुटने लगा है। वेतन के अभाव में उन्हें काफी परेशानी उठाना पड़ रही है। उन्हें लाकडाउन का समय निकालने में काफी असुविधा हो रही है। एमपीपीएससी से ऐसे उम्मीदवारों का चयन भी हुआ है, जो प्रदेश में नौकरशाही और राजनीति में बडा औहदा रखते हैं। विभाग में ही पदस्थ सचिव अजीत कुमार शर्मा की धर्मपत्नी श्रेजा त्रिपाठी शर्मा अंग्रेजी का चयन हुआ था, जो वर्तमान में विदिशा गर्ल्स कालेज में पदस्थ हैं। सचिव शर्मा भी अपनी प्रोफेसर पत्नी का वेतन निकालने में सफल नहीं हो सके हैं। ऐसे ही अन्य नौकरशाह और राजनेता भी शामिल हैं, लेकिन करीब सवा सौ प्रोफेसर अपना वेतन शुरू कराने में सफल हो गए हैं। वे अपने वेतन का लाभ लेना शुरू कर चुके हैं। सहायक प्राध्यापक विकास संगठन एमपीपीएससी 2017 सहित कई प्राचार्यों ने विभाग को पत्र लिखक वेतन देने के लिए कहा है। विभाग उन्हें वेतन नहीं दिला सका है।

आनलाइन सैलरी बनी समस्या
वित्त विभाग सभी असिस्टेंट प्रोफेसर, गं्रथपाल और खेल अधिकारियों का वेतन समेकित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) का माध्यम से आनलाइन उनके बैंक खाते में भेजता है। आईएफएमआईएस में प्रोफेसरों का पूरा डाटा नहीं पहुुंचने के कारण सभी का वेतन अटका हुआ है। ये समस्या करीब डेढ सप्ताह में दूर हो सकती है, जिसके बाद वेतन जारी होना शुरू होगा।

पद से ज्यादा पदस्थ हो गए प्रोफेसर
वित्त विभाग को वेतन जारी करने के पहले कालेज में पद सृजन का आर्डर की जरुरत है, जो प्राचार्य और विभाग नहीं दे सके। वहीं कुछ कालेजों में पदों से ज्यादा नियुक्ति हो गई हैं इससे उनका वेतन तैयार होने में परेशानी आ रही है। विभाग ने अपनी तरफ से पद सृजन के आर्डर तैयार भेज दिए हैं। वहीं प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है। वे इस सप्ताह आर्डन जल्द विभाग को भेजे, जिससे प्रोफेसरों का वेतन जारी हो सके।

ऐसे मिला सवा सौ प्रोफेसरों को वेतन
प्रदेश में करीब सवा सौ ऐसे नव नियुक्त प्रोफेसर अपना वेतन निकलवाने में सफल हो गए हैं। क्योंकि उन्होंने अपने प्राचार्यों से पदों सृजन के आर्डन नंबर के साथ समस्त दस्तावेज को वित्त तक भेज दिया था। जबकि तीन हजार असिस्टेंट प्रोफेसर, गं्रथपाल और खेल अधिकारी विभाग तक तरफ मुंह कर वेतन के इंतजार में बांट जौ रहे हैं।

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